सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कलि -संतरणोपनिषद मंत्र संख्या दस -भावसार व्याख्या सहित

कलि -संतरणोपनिषद मंत्र संख्या दस -भावसार व्याख्या सहित 

यदास्य  षोडशीकस्य सार्ध  त्रिकोटीर्जपति ,तदा ब्रह्म 

हत्यां तरति वीर हत्यां | स्वर्ण स्तेयात्पूतो भवति ,

जब भगवान् के सोलह नामों वाले इस महामंत्र का जाप कोई साढ़े तीन करोड़ बार (३५ मिलियन टाइम्स )करता है ,तब वह स्वयं को ब्राह्मण ,किसी शूरवीर हत्या तथा स्वर्ण की चोरी ( चोर्य )के पाप से मुक्त कर लेता है। साथ ही अपने पूर्वजों या अन्य प्राणियों के प्रति  किए ऐसे ही पाप कर्मो से भी स्वयं को मुक्त कर लेता है। 

इस प्रकार यह महा-मन्त्र अतीत और वर्तमान दोनों को अपनी परिधि में ले आता है। इसका मतलब यह नहीं है हम आइंदा अब तक किये गए पाप कर्मों को दोहराये और फिर उनके पुन :शोधन के लिए मंत्र जाप को एक साधन मान लें। ऐसा करना बूझना महापाप होगा। 

अब ऐसे में यदि हम नित्य प्रति सोलह बार इस मंत्र का जाप करें तब इसके साढ़े तीन करोड़ जाप होने में २०,२५५ दिन अथवा साढ़े पचपन बरस लग जाएंगे। 

हरिदास ठाकुर को नामाचार्य इसीलिए कहा जाता है ,वह नित्य प्रति इसका तीन लाख बार जाप करते थे। उसी के बाद प्रसाद ग्रहण करते थे। 

इसलिए हम यदि सुबह और शाम दोनों वक्त सोलह -सोलह बार इस मंत्र  का जाप करें तब हमें २८ बरस से थोड़ा कम ही  समय लगेगा ,  साढ़े तीन लाख जाप का आंकड़ा छूने में। 

पुनरपि जन्मम पुनरपि मरणम ,

पुनरपि जठरे जननी शयनम। 

जन्म मृत्यु के अनवरत चक्र से छुटकारे  का  साधन यही महामंत्र है जिसका ध्यान स्मरण आप कहीं भी कभी कर सकते हैं बिना किसी कर्मकांड अन्य उपासना ध्यान स्नान के।

भागवद्पुराण में कलियुग के लक्षण बतलाये गए हैं :

ततः कानुदिनम धर्मः सत्यम शौचं क्षमा दया ,

कळेना बलिना राजन ,नानकस्यात्यय  आयुर  बलं स्मृतिः  .| | 

कलियुग में  प्रत्येक  दिन के बीतने के साथ दिनानुदिन धर्म सत्य (सत्य आचरण ),शुचिता ,क्षमा ,दया ,जीवनावधि , शारीरिक क्षमता (भुजबल तन बल ),याददाश्त का क्षय होता जाएगा। काल बड़ा बलवान होता है उसके हाथों ही यह होता है। काल के हाथ सबसे लम्बे होते हैं। 

शब्दार्थ :

यदा -कब ,; अस्य -जैसे यह , ; षोडशीकस्य -सोलह नामों का समुच्चय ,संग्रह ; 

सार्ध -त्रिकोटिर -साढ़े तीन करोड़ बार ; जपति -नामोच्चार ,नामस्मरण ;तदा -

 तदा -तब ; 

; ब्रह्महत्यां -ब्राह्मण की हत्या ; विराहत्यां -वीर हत्यां -शूरवीर की हत्या ; 

स्वर्णास्तेयात  -स्वर्ण की चोरी ; पुतो -मुक्ति ;भवति -होना ,होता /होती है। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सरगुन की कर सेवा ,निर्गुण का कर ज्ञान। सरगुन निर्गण ते (से )परे तहाँ हमारा ध्यान।

सरगुन की कर सेवा ,निर्गुण का कर ज्ञान।  सरगुन निर्गण ते (से )परे तहाँ हमारा ध्यान। कबीर कहते हैं हे मनुष्य तेरे बाहर सरगुन(सगुण ) है भीतर निर्गुण है। सब प्राणी सरगुन भगवान् है। चेतना का दीपक अंदर जल रहा है वह निर्गुण है। नर नारायण रूप है इसे देह मत समझ देह तो मिट्टी का खोल है। कबीर जेते  आत्मा  ,तेते शालिग्राम। कबीर कहते हैं अर्थात जितने भी प्राणी है सब भगवान हैं   कबीर कहते हैं सगुन की सेवा करो निर्गुण का ज्ञान प्राप्त करो लेकिन हमारा ध्यान दोनों से परे होना चाहिए सरगुन श्रेष्ठ है या निर्गुण इस फ़िज़ूल बात में नहीं उलझना है।  सारा सृजन मनुष्य करता है ज्ञान विज्ञान का रचयिता वह स्वयं  है। देवताओं को उसने ही बनाया है वेदों की प्रत्येक ऋचा के साथ उसके ऋषि का नाम है छंद का नाम है। किताब ,किसी भी धार्मिक किताब (कतैब )का रचयिता भगवान नहीं है सारे देवता मनुष्य ने बनाये हैं उसी की कल्पना से उद्भूत हुए हैं यह ज्ञान है। इसे ही समझना है।  आज जो देवी देवता पूजे जाते हैं वह वैदिक नहीं हैं। राम ,कृष्ण ,गणेश आदिक इनका कहीं उल्लेख नहीं...

माता शत्रु : पिता वैरी , येन बालो न पाठित : | न शोभते सभा मध्ये ,हंस मध्ये बको यथा ||

माता शत्रु : पिता वैरी , येन बालो न पाठित : |  न शोभते सभा मध्ये ,हंस मध्ये बको यथा ||   सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.facebook.com/watch/?v=2773670096064129 भारतीय राजनीति के राहु मास्टर राहुल की आज यही नियति है ,उम्र इक्यावन मेधा बालवत। इनका कद ग्रुप आफ ट्वेंटी थ्री (गुलाम नबी आज़ाद साहब, कपिल सिब्बल साहब ,मनीष तिवारी जैसी समृद्ध परम्परा के धनी - मानी व्यक्तियों के बीच आज वैसे ही निस्तेज है जैसे हंसों के बीच बगुला ,कोयलों के बीच कागा ). जैसा बीज वैसा फल आज न इन्हें भारतीय इतिहास की जानकारी है न भूगोल की ,इनकी अम्मा आज भी हिंदी रोमन लिपि में लिखती पढ़ती हैं। देश में २०१९ से एक मत्स्य मंत्रालय भी है इन्हें इसका इल्म  नहीं है ?ये गांधी किस  बिना पे हैं जबकि इनके दादा फ़िरोज़ खान थे -पूछ देखो ,बगलें झाँकने लगेगा यह इक्यावनसाला बालक।   इन्हें अपने  खानदान अपनी ही जड़ों का बोध  नहीं है उत्तर दक्षिण का यह मतिमंद बालक  - विभेद अपनी विभेदन -शीला विखण्डनीय   बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए आज बतला रहा है। यकीन तो करना ही होगा।  ...

FDA strengthens warning on opioid cold medicine(HINDI )

JAN 12 FDA strengthens warning on opioid cold medicine(HINDI ) यह आकस्मिक नहीं है गत एक पखवाड़े में अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था एफडीए ने आग्रहपूर्वक इस चेतावनी को दोहराया है ,बलपूर्वक सिफारिश भी की है के आइंदा केवल अठारह साल से ऊपर आयुवर्ग को ही सर्दीजुकाम फ्ल्यू में दी जाने वाली उन दवाओं को दिया जाए नुश्खे में लिखा जाए जो ओपिऑइड्स युक्त हैं। कुछ दवाओं के नाम भी गिनाये हैं जिनमें कोडीन ,हाइड्रोकोडॉन ,ट्रामाडोल आदि शामिल हैं।  किसी भी आयुवर्ग के बालकों के लिए इन दवाओं के इस्तेमाल से  नुकसानी  फायदे से बहुत ज्यादा उठानी पड़  सकती है।लत पड़ जाती है इन दवाओं की  और बच्चे जल्दी ही इन दवाओं के अभ्यस्त हो सकते हैं दुरूपयोग  हो सकता है इन दवाओं का ओवर डोज़ भी ली जा सकती है जिससे अमरीका भर में बेशुमार मौतें आदिनांक हो चुकीं हैं यहां तक के अंगदान बे -हिसाब हुआ है। ऑर्गन डोनर्स जैसे बारिश में गिरे हों। क्योंकि ये शव हैं उन देने वालों के  जो   कथित वैध -ओपिऑइड्स दवाओं की ओवरडोज़ के ग्रास बने। दरअसल ओपिऑइड्स (मार्फीन जैसे पदार्...