सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

न ये दशरथ पुत्र को जानते हैं न दशरथ को और न राम को। मुनि वशिष्ठ जी ने दशरथ के बड़े पुत्र का नाम राम सुझाया था जो इस बात का प्रमाण है के राम ,दसरथ पुत्र राजा राम से पूर्व भी थे।

तीन तलाक की आड़ में मुस्लिम मौतरमाओं का शोषण करने वाले जब यह कहते हैं के राम ने अपनी पत्नी सीता का परित्याग कर दिया था तब ये लोग ये बिलकुल नहीं जानते के राम कौन हैं। 

न ये दशरथ पुत्र को जानते हैं न दशरथ को और न राम को। मुनि वशिष्ठ जी ने दशरथ के बड़े पुत्र का नाम राम सुझाया था जो इस बात का प्रमाण है के राम ,दसरथ पुत्र राजा राम से पूर्व भी  थे। 

राम का अर्थ है रमैया जो रमा हुआ है ओतप्रोत है इस सृष्टि में पूरी कायनात में करता पुरुख की तरह जो बैठा हुआ है कायनात के ज़र्रे ज़र्रे में हमारे हृदयगह्वर में। 

राम ,अल्लाह ,वाह गुरु मज़हब विशेष से ताल्लुक रखने वाले नाम भर नहीं हैं ये भारत की सर्वसमावेशी संस्कृति सूत्रों की मनोरम माला के यकसां मनके हैं। 

शिव ने सती  का परित्याग एक और धरातल पर किया था। सती ने सीता का रूप भरके शिव शंकर भोले के गुरु राम की परीक्षा ली थी। बस शिव ने कहा ये तो मेरी माता का रूप भर चुकीं हैं अब मेरे लिए पत्नी रूप में स्वीकार्य कैसे हो।  ये मेरे गुरु का अपमान और अवमानना होगी। 

राजा राम प्रजातंत्र के शिखर को छूते  हैं  उनके गुप्तचरों ने उन्हें बतलाया था सीता के बारे में एक धोबी अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते हुए कैसे उपालम्भ  दे रहा था। और राम के लिए उसकी राय भी उतनी ही कीमती थी। यही थी राम राज्य की अवधारणा जहां प्रजा का छोटे से छोटा भी अपनी राय रख सकता था। उस राय को भी  वजन दिया जाता था।

मूल- रामायण  'वाल्मीकि रामायण 'में धोबी प्रसंग और सीता परित्याग का उल्लेख नहीं है। 

अल्लाह का भी अर्थ यही है जो सबसे पहले था अव्वल था। 

हराम को हलाला कहने वाले लोग राम के बारे में टिपण्णी न करे ये अशोभन है किसी मज़हब तक सीमित नहीं हैं राम संस्कृति के सूत्र की लड़ियाँ हैं राम ,ईश्वर अल्लाह ...

राम भारत की भोर की पहली किरण है। कोई किसी दुष्ट की आलोचना करने लगे ,भले लोग कहते हैं छोड़ो  यार किसका नाम ले दिया राम राम बोलो। 

अंतिम यात्रा के वक्त भी -

'राम नाम सत्य है  ,सत्य बोलो गत्य है '

बोला जाता है। सत्य वही है जो सदैव है। जो सदैव है वही राम है अल्लाह है वह गुरु है अकाल पुरुख है। राम किसी शरीर का नामा नहीं है राम वह ज्ञान है जो हमें हमारे निज स्वरूप आत्मन का ज्ञान करवाए। 

अंत में निकला यही परिणाम राम से बड़ा राम का नाम। 

https://www.youtube.com/watch?v=wqcuc74xbw0



रघुपति राघव राजा राम ,पतित पावन सीता राम ,

ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सम्मत दे भगवान्।  

रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम सीता राम सीता राम भज प्यारे तू सीता राम रघुपति ... ईश्वर अल्लाह तेरे नाम सबको सन्मति दे भगवान रघुपति ...

रात को निंदिया दिन तो काम कभी भजोगे प्रभु का नाम करते रहिये अपने काम लेते रहिये हरि का नाम रघुपति ...

https://www.youtube.com/watch?v=lqNpCH-xcGE



SHREE RAM BHAJAN :- RAGHUPATHI RAGHAVA RAJA RAM | LORD RAMA BHAJAN ( FULL SONG )

5,140,420 views


Published on Apr 4, 2017

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

माता शत्रु : पिता वैरी , येन बालो न पाठित : | न शोभते सभा मध्ये ,हंस मध्ये बको यथा ||

माता शत्रु : पिता वैरी , येन बालो न पाठित : |  न शोभते सभा मध्ये ,हंस मध्ये बको यथा ||   सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.facebook.com/watch/?v=2773670096064129 भारतीय राजनीति के राहु मास्टर राहुल की आज यही नियति है ,उम्र इक्यावन मेधा बालवत। इनका कद ग्रुप आफ ट्वेंटी थ्री (गुलाम नबी आज़ाद साहब, कपिल सिब्बल साहब ,मनीष तिवारी जैसी समृद्ध परम्परा के धनी - मानी व्यक्तियों के बीच आज वैसे ही निस्तेज है जैसे हंसों के बीच बगुला ,कोयलों के बीच कागा ). जैसा बीज वैसा फल आज न इन्हें भारतीय इतिहास की जानकारी है न भूगोल की ,इनकी अम्मा आज भी हिंदी रोमन लिपि में लिखती पढ़ती हैं। देश में २०१९ से एक मत्स्य मंत्रालय भी है इन्हें इसका इल्म  नहीं है ?ये गांधी किस  बिना पे हैं जबकि इनके दादा फ़िरोज़ खान थे -पूछ देखो ,बगलें झाँकने लगेगा यह इक्यावनसाला बालक।   इन्हें अपने  खानदान अपनी ही जड़ों का बोध  नहीं है उत्तर दक्षिण का यह मतिमंद बालक  - विभेद अपनी विभेदन -शीला विखण्डनीय   बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए आज बतला रहा है। यकीन तो करना ही होगा।  ...

FDA strengthens warning on opioid cold medicine(HINDI )

JAN 12 FDA strengthens warning on opioid cold medicine(HINDI ) यह आकस्मिक नहीं है गत एक पखवाड़े में अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था एफडीए ने आग्रहपूर्वक इस चेतावनी को दोहराया है ,बलपूर्वक सिफारिश भी की है के आइंदा केवल अठारह साल से ऊपर आयुवर्ग को ही सर्दीजुकाम फ्ल्यू में दी जाने वाली उन दवाओं को दिया जाए नुश्खे में लिखा जाए जो ओपिऑइड्स युक्त हैं। कुछ दवाओं के नाम भी गिनाये हैं जिनमें कोडीन ,हाइड्रोकोडॉन ,ट्रामाडोल आदि शामिल हैं।  किसी भी आयुवर्ग के बालकों के लिए इन दवाओं के इस्तेमाल से  नुकसानी  फायदे से बहुत ज्यादा उठानी पड़  सकती है।लत पड़ जाती है इन दवाओं की  और बच्चे जल्दी ही इन दवाओं के अभ्यस्त हो सकते हैं दुरूपयोग  हो सकता है इन दवाओं का ओवर डोज़ भी ली जा सकती है जिससे अमरीका भर में बेशुमार मौतें आदिनांक हो चुकीं हैं यहां तक के अंगदान बे -हिसाब हुआ है। ऑर्गन डोनर्स जैसे बारिश में गिरे हों। क्योंकि ये शव हैं उन देने वालों के  जो   कथित वैध -ओपिऑइड्स दवाओं की ओवरडोज़ के ग्रास बने। दरअसल ओपिऑइड्स (मार्फीन जैसे पदार्...

सरगुन की कर सेवा ,निर्गुण का कर ज्ञान। सरगुन निर्गण ते (से )परे तहाँ हमारा ध्यान।

सरगुन की कर सेवा ,निर्गुण का कर ज्ञान।  सरगुन निर्गण ते (से )परे तहाँ हमारा ध्यान। कबीर कहते हैं हे मनुष्य तेरे बाहर सरगुन(सगुण ) है भीतर निर्गुण है। सब प्राणी सरगुन भगवान् है। चेतना का दीपक अंदर जल रहा है वह निर्गुण है। नर नारायण रूप है इसे देह मत समझ देह तो मिट्टी का खोल है। कबीर जेते  आत्मा  ,तेते शालिग्राम। कबीर कहते हैं अर्थात जितने भी प्राणी है सब भगवान हैं   कबीर कहते हैं सगुन की सेवा करो निर्गुण का ज्ञान प्राप्त करो लेकिन हमारा ध्यान दोनों से परे होना चाहिए सरगुन श्रेष्ठ है या निर्गुण इस फ़िज़ूल बात में नहीं उलझना है।  सारा सृजन मनुष्य करता है ज्ञान विज्ञान का रचयिता वह स्वयं  है। देवताओं को उसने ही बनाया है वेदों की प्रत्येक ऋचा के साथ उसके ऋषि का नाम है छंद का नाम है। किताब ,किसी भी धार्मिक किताब (कतैब )का रचयिता भगवान नहीं है सारे देवता मनुष्य ने बनाये हैं उसी की कल्पना से उद्भूत हुए हैं यह ज्ञान है। इसे ही समझना है।  आज जो देवी देवता पूजे जाते हैं वह वैदिक नहीं हैं। राम ,कृष्ण ,गणेश आदिक इनका कहीं उल्लेख नहीं...