प्रकाश का वेग आदिनांक बारहा आकलित किया गया है जिनमें लेज़र प्रकाश से की गई गणनाएं भी शामिल हैं देखिये प्राचीन भारत में की गई गणनाएं क्या कहती हैं ?
सायणाचार्य की टिपण्णी ( चौदहवीं शती 1400 CE ):
तथा च स्मर्यते योजनानां सहस्त्रम द्वे द्वे च योजने।
एकेन निमिषार्धेन कममाण नमोस्तु ते।| (इति )
भावार्थ :याद रखने लायक बात है ,आधा निमिष में प्रकाश अपने ही वेग से निर्वात में २,२०२ योजन की दूरी तय करता है।
१/२ निमिष =८/ ७५ सेकिंड
१ योजन =९. ०६ २५ मील
प्रकाश का निर्वात में वेग =२,२०२ योजन /८/७५ सेकिंड
=१९९५५. ६२५ मील /८/७५ सेकिंड
उल्लेखित श्लोक के अनुसार प्रकाश का वेग =१ ,८७ ,० ८३ . ९८ ४३ ७५ मील /सेकिंड
आधुनिक आकलनों के अनुसार प्रकाश का वेग =१ ,८६ ,३०० मील /सेकिंड
चुम्बकत्व ,हाड्रोजन पूरित गुब्बारे .. .
रसार्णवः (बारहवीं शती ,12,00 CE )
चुंबकीय गुणधर्मों के बारे में आपने बहुत कुछ बखान किया है।
अगस्त्य संहिता :एक उड़न शील मशीन हाड्रोजन से भरे हुए गुबारों गुब्बारों से संचालित की चर्चा करती है।
(संपन्न )
सायणाचार्य की टिपण्णी ( चौदहवीं शती 1400 CE ):
तथा च स्मर्यते योजनानां सहस्त्रम द्वे द्वे च योजने।
एकेन निमिषार्धेन कममाण नमोस्तु ते।| (इति )
भावार्थ :याद रखने लायक बात है ,आधा निमिष में प्रकाश अपने ही वेग से निर्वात में २,२०२ योजन की दूरी तय करता है।
१/२ निमिष =८/ ७५ सेकिंड
१ योजन =९. ०६ २५ मील
प्रकाश का निर्वात में वेग =२,२०२ योजन /८/७५ सेकिंड
=१९९५५. ६२५ मील /८/७५ सेकिंड
उल्लेखित श्लोक के अनुसार प्रकाश का वेग =१ ,८७ ,० ८३ . ९८ ४३ ७५ मील /सेकिंड
आधुनिक आकलनों के अनुसार प्रकाश का वेग =१ ,८६ ,३०० मील /सेकिंड
चुम्बकत्व ,हाड्रोजन पूरित गुब्बारे .. .
रसार्णवः (बारहवीं शती ,12,00 CE )
चुंबकीय गुणधर्मों के बारे में आपने बहुत कुछ बखान किया है।
अगस्त्य संहिता :एक उड़न शील मशीन हाड्रोजन से भरे हुए गुबारों गुब्बारों से संचालित की चर्चा करती है।
(संपन्न )
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