इस वक़्त पूरी दुनिया में गर्भपात के क़ानून और महिलाओं के अधिकारों को लेकर बहस छिड़ी है. हाल ही में आयरलैंड इसका गवाह रहा है. भारत में भी 'भ्रूण के जीने के अधिकार' को लेकर चर्चा जारी है.
इस बीच अमरीका की एक ब्लॉगर ने ट्विटर पर अनचाहे गर्भ और गर्भपात को लेकर ऐसा कुछ लिखा है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
गैब्लिएर ने ट्विटर पर लिखा-
मैं छह बच्चों की मां और ईसाई धर्म के मॉर्मन पंथ की अनुयायी हूं. मुझे गर्भपात, धर्म और इससे जुड़ी दलीलों के बारे में बख़ूबी मालूम है. मैं महिलाओं के प्रजनन के अधिकारों (रिप्रोडक्टिव राइट्स) के बारे में पुरुषों के तर्क सुन रही हूं और मैं यह मान चुकी हूं कि पुरुषों की गर्भपात रोकने में ज़रा भी दिलचस्पी नहीं है. मैं बताती हूं क्यों-
- अगर आप गर्भपात रोकना चाहते हैं तो आपको अनचाहा गर्भ रोकना होगा और मर्द अनचाहे गर्भ के लिए 100% ज़िम्मेदार हैं. हां, वो वाक़ई हैं. आपको लग रहा होगा कि प्रेग्नेंसी के लिए दो लोगों की ज़रूरत होती है. हां, दो लोगों की ज़रूरत होती है, लेकिन सुनियोजित प्रेग्नेंसी के लिए, अनचाहे गर्भ के लिए नहीं.
- हर अनचाही प्रेगनेंसी इस वजह से होती है क्योंकि पुरुष ग़ैरज़िम्मेदार तरीके से 'इजैक्युलेट' करते हैं. आपको यक़ीन नहीं होता? मैं समझाती हूं. महीने के सिर्फ़ दो दिन ऐसे होते हैं जब महिलाओं को गर्भ ठहर सकता है और वो भी तय उम्र तक.
- ये बात ज़रूर है कि उम्र के साथ पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता कमज़ोर होती जाती है. इसके बावजूद पुरुष किशोरवास्था से लेकर मरने से पहले तक अनचाहे गर्भ को अंजाम दे सकते हैं.
- यानी साल में सिर्फ़ 24 दिन ऐसे हैं जब महिला गर्भवती हो सकती है. लेकिन मर्द साल के 365 दिन औरतों को प्रेग्नेंट कर सकते हैं. यहां तक कि अगर आप ऐसे मर्द हैं जो दिन में कई बार 'इजैक्युलेट' करता है तो आप कई आप हर रोज़ कई महिलाओँ को प्रेग्नेंट कर सकते हैं.
- सैद्धांतिक तौर पर देखें तो एक पुरुष एक साल में 1000 से ज़्यादा अनचाही प्रेग्नेंसी को अंजाम दे सकता है. इसलिए अगर आप बुनियादी बायोलॉजी और कैलेंडर समझ लें तो आपको समझ में आ जाएगा कि अनचाहे गर्भ के पीछे पुरुष हैं.
- लेकिन अब आप पूछेंगे कि गर्भ निरोधक का क्या? अगर कोई औरत अनचाहे गर्भ से बचना चाहती है तो गर्भ निरोधक इस्तेमाल करने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ उसकी ही क्यों हो? आधुनिक गर्भ निरोधक संभवत: पिछली सदी का सबसे अच्छा अविष्कार है और मैं इसके लिए शुक्रगुज़ार हूं.
- हालांकि ये क्रूर भी है. कई औरतों पर इसके ख़तरनाक साइड इफ़ेक्ट्स होते हैं. लेकिन इतने साइड इफ़ेक्ट्स के बावजूद औरतें गर्भ निरोधक के इस्तेमाल के लिए तैयार रहती हैं. हालांकि ये इतना भी आसान नहीं है. गर्भ निरोधक के इस्तेमाल के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी पड़ती है. आम तौर पर यह न तो मुफ़्त में मिलती हैं और न सस्ती होती हैं.
- इसके अलावा गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल रोज़ाना करना पड़ता है. बिना भूले और बिना कोई ग़लती किए. संक्षेप में कहें तो औरतों के लिए गर्भ निरोधक का इस्तेमाल मुश्किल है. इसके उलट पुरुषों के लिए गर्भ निरोधक यानी कॉन्डम का इस्तेमाल काफ़ी आसान है. कॉन्डोम किसी भी दुकान में आसानी से मिल जाते हैं और इसके लिए डॉक्टर की सलाह की ज़रूरत भी नहीं होती. औरतों को अच्छा लगता है अगर मर्द कॉन्डम का इस्तेमाल करते हैं. इससे यौन संक्रमण से होने वाली बीमारियों से भी बचा जा सकता है.
- इसके बावजूद पुरुष कॉन्डम इस्तेमाल नहीं करना चाहते. इतना ही नहीं वो अक्सर औरतों पर बिना कॉन्डम के सेक्स करने का दबाव बनाते हैं.
- अब आते हैं इस सवाल पर कि पुरुष कॉन्डम के इस्तेमाल से इस कदर क्यों दूर भागते हैं. शायद इसलिए क्योंकि इससे सेक्स का आनंद थोड़ा सा कम हो जाता है. ऐसा भी नहीं है कि कॉन्डम से बहुत ज़्यादा फ़र्क पड़ता है. अगर 1 से 10 के स्केल पर देखें तो ये 10 से घटकर 7 या 8 हो सकता है. बस इससे कम नहीं. लेकिन इसके बावजूद पुरुष महज़ कुछ सेकेंड के थोड़े से आनंद के लिए औरतों की सेहत, रिश्ते और करियर, सब कुछ ख़तरे में डाल देते हैं.
- एक और ज़रूरी बात. क्या आप जानते हैं कि पुरुष बिना ऑर्गैज़म का अनुभव किए महिला को प्रेगनेंट नहीं कर सकता? लेकिन इसके लिए उसका ऑर्गैज़्म महसूस करना ज़रूरी है, औरत का नहीं. वो बिना औरत को ऑर्गैज़्म का एहसास दिलाए उसे प्रेग्नेंट कर सकता है. यानी अगर कोई औरत गर्भवती होती है तो ये बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं है कि उसने ऑर्गैज़्म का आनंद लिया होगा.
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