दिखते जो हिन्दू ,मगर ,हिन्दू से ही घात , दिखलादो उन दोगलों, को उनकी औक़ात। आतंकी ज़ेहादियों के जो पैरोकार , जीत गए तो देश का होगा बंटाधार।
मित्रवर कविवर स्वर्णकार ,जी की राष्ट्रवाद से संसिक्त सामयिक दोहावली :
२०१९ के आलोक में :
दोस्तों आप सभी वाकिफ है उन ताकतों से नेहरू पंथी कांग्रेस के अवशेषों से जो देश को विखंडित करने की हर चाल चलते रहें हैं नेहरू से लेकर मतिमंद राजकुमार तक सब यही करते आये हैं।
रक्तरंगियों के किस्से जिन्हें मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम इसीलिए कहा जाता है ये अपने को बौद्धिक मानते बतलाते हैं ,आज़ादी के पहले से पुरानी पीढ़ी जानती है। अंग्रेज़ों के ये मुखबिर और इनके पाले हुए कन्हैयानुमा शातिर आज भी यही काम कर रहें हैं।
और उस भोपाली बाज़ीगर को आप भूले नहीं होंगे जो ओसामा बिन लादेन को ओसामा कहके अदब से बात करने की ताकीद करता था। जिसके अमरीकी लड़ाकू दस्तों द्वारा मारकर सागर में कहीं फेंक देने के बाद इसी बाज़ीगर ने कहा था :आदर पूर्वक सुपुर्दे ख़ाक होने का हक़ सब को दिया जाना चाहिए। इसका बस चलता तो लादेन की यह मज़ार अपने आंगन में बनवा देता। यही वे लोग हैं जो एक आतंकी की फ़ासी मुलतवी करवाने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा देते हैं राफेल जैसे मुद्दे पर अपनी देशद्रोही आदत के आगे ढीठ बने हुए हैं। इनका सरयू तीरे तर्पण करने का वक्त आ गया है। भगवान् इनकी भी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
(१ )भेदभाव करते सदा जो हिन्दू के साथ ,
वोट उन्हें देकर अरे !क्यों कटवाए हाथ।
(२ )हमलावर जिनके लिए ,बने हुए आदर्श ,
वोट उन्हें क्यों ?हम करें ,मंथन और विमर्श।
(३ )गद्दारों आतंकियों से जिनके सम्बन्ध ,
वोट उन्हें दे क्यों बने ,हम अंधे मतिमंद ?
(४ )ज़ेहादी हैं प्रिय जिन्हें ,प्रिय हैं दहशदगर्द ,
हिन्दू के वे कब हुए ,हितचिंतक हमदर्द ?
(५ )हैं हिन्दू माँ बाप की ,हम तुम यदि संतान ,
बैर रखें हिंदुत्व से उनको लें पहचान।
(६ )गले मिलें ज़ेहादियों से जो खुल्लेआम !
उन्हें चुने क्यों ?प्रिय नहीं जिन्हें हमारे राम।
(७ )भारत माता की जिन्हें ,जय भी नहीं पसंद !
पहचानो इनको ,यही भारत के जयचंद।
(८ )दिखते जो हिन्दू ,मगर ,हिन्दू से ही घात ,
दिखलादो उन दोगलों, को उनकी औक़ात।
(९ )मत भूलो किसने कहा -भारत मुर्दाबाद ,
भरतवंशियों के वही हत्यारे जल्लाद।
(१० )देशद्रोहियों के बने ,रक्षक पहरेदार ,
भूल न जाना हैं वही ,भारत के गद्दार।
(११ )जो भारत को तोड़ने ,को बैठे तैयार !
नमकहरामों से जुड़े उन कुटिलों के तार।|
(१२ )सत्ता उन्हें न सौंपिये ,जिन्हें गैर से प्यार ,
कहीं न अपनी पीढ़ियां भुगतें अत्याचार।
(१३ )आतंकी ज़ेहादियों के जो पैरोकार ,
जीत गए तो देश का होगा बंटाधार।
(१४ )नज़र कभी आये नहीं ,जो भारत के साथ ,
सत्ता वे यदि पा गए ,होगा हिन्द अनाथ।
(१५ )देते आये भूल से ,अगर गलत का साथ !
अब भी चेतो साथियों ,जागो तभी प्रभात।
(१६ )'नोटा 'राष्ट्रविरोधियों का है इक षड़यंत्र ,
राष्ट्र हितैषी को चुने ,वोट अमोलक मंत्र।
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा 'बोले तो' आपका वीरुभाई (भारत धर्मी समाज )
कैन्टन (मिशिगन )यूएसए
२०१९ के आलोक में :
दोस्तों आप सभी वाकिफ है उन ताकतों से नेहरू पंथी कांग्रेस के अवशेषों से जो देश को विखंडित करने की हर चाल चलते रहें हैं नेहरू से लेकर मतिमंद राजकुमार तक सब यही करते आये हैं।
रक्तरंगियों के किस्से जिन्हें मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम इसीलिए कहा जाता है ये अपने को बौद्धिक मानते बतलाते हैं ,आज़ादी के पहले से पुरानी पीढ़ी जानती है। अंग्रेज़ों के ये मुखबिर और इनके पाले हुए कन्हैयानुमा शातिर आज भी यही काम कर रहें हैं।
और उस भोपाली बाज़ीगर को आप भूले नहीं होंगे जो ओसामा बिन लादेन को ओसामा कहके अदब से बात करने की ताकीद करता था। जिसके अमरीकी लड़ाकू दस्तों द्वारा मारकर सागर में कहीं फेंक देने के बाद इसी बाज़ीगर ने कहा था :आदर पूर्वक सुपुर्दे ख़ाक होने का हक़ सब को दिया जाना चाहिए। इसका बस चलता तो लादेन की यह मज़ार अपने आंगन में बनवा देता। यही वे लोग हैं जो एक आतंकी की फ़ासी मुलतवी करवाने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा देते हैं राफेल जैसे मुद्दे पर अपनी देशद्रोही आदत के आगे ढीठ बने हुए हैं। इनका सरयू तीरे तर्पण करने का वक्त आ गया है। भगवान् इनकी भी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
(१ )भेदभाव करते सदा जो हिन्दू के साथ ,
वोट उन्हें देकर अरे !क्यों कटवाए हाथ।
(२ )हमलावर जिनके लिए ,बने हुए आदर्श ,
वोट उन्हें क्यों ?हम करें ,मंथन और विमर्श।
(३ )गद्दारों आतंकियों से जिनके सम्बन्ध ,
वोट उन्हें दे क्यों बने ,हम अंधे मतिमंद ?
(४ )ज़ेहादी हैं प्रिय जिन्हें ,प्रिय हैं दहशदगर्द ,
हिन्दू के वे कब हुए ,हितचिंतक हमदर्द ?
(५ )हैं हिन्दू माँ बाप की ,हम तुम यदि संतान ,
बैर रखें हिंदुत्व से उनको लें पहचान।
(६ )गले मिलें ज़ेहादियों से जो खुल्लेआम !
उन्हें चुने क्यों ?प्रिय नहीं जिन्हें हमारे राम।
(७ )भारत माता की जिन्हें ,जय भी नहीं पसंद !
पहचानो इनको ,यही भारत के जयचंद।
(८ )दिखते जो हिन्दू ,मगर ,हिन्दू से ही घात ,
दिखलादो उन दोगलों, को उनकी औक़ात।
(९ )मत भूलो किसने कहा -भारत मुर्दाबाद ,
भरतवंशियों के वही हत्यारे जल्लाद।
(१० )देशद्रोहियों के बने ,रक्षक पहरेदार ,
भूल न जाना हैं वही ,भारत के गद्दार।
(११ )जो भारत को तोड़ने ,को बैठे तैयार !
नमकहरामों से जुड़े उन कुटिलों के तार।|
(१२ )सत्ता उन्हें न सौंपिये ,जिन्हें गैर से प्यार ,
कहीं न अपनी पीढ़ियां भुगतें अत्याचार।
(१३ )आतंकी ज़ेहादियों के जो पैरोकार ,
जीत गए तो देश का होगा बंटाधार।
(१४ )नज़र कभी आये नहीं ,जो भारत के साथ ,
सत्ता वे यदि पा गए ,होगा हिन्द अनाथ।
(१५ )देते आये भूल से ,अगर गलत का साथ !
अब भी चेतो साथियों ,जागो तभी प्रभात।
(१६ )'नोटा 'राष्ट्रविरोधियों का है इक षड़यंत्र ,
राष्ट्र हितैषी को चुने ,वोट अमोलक मंत्र।
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा 'बोले तो' आपका वीरुभाई (भारत धर्मी समाज )
कैन्टन (मिशिगन )यूएसए
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