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दिसंबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राहुल शीर्षासन में खड़े होकर माफ़ी मांगें देश और संसद से

राहुल शीर्षासन में खड़े होकर दो टूक माफ़ी मांगें देश और संसद से  इस छैला राजकुमार की तब बांछें खिल गईं  थीं जब राफेल मुद्दे पर पांच अलग अलग  याचिकाएं दायर हुई थीं  और सुप्रीम कोर्ट ने कहा  था  जो कुछ आप सूचना देना चाहें बंद लिफाफे में देवें क्योंकि मामला देश की प्रतिरक्षा व्यवस्था  से जुड़ा है। स्वागत किया तब राहुल दत्तात्रेय ने सुप्रीम कोर्ट का यह कहते हुए अब खुलेगी पोल।  अब ये उसी कोर्ट के फैसले को मान ने के लिए तैयार नहीं हैं। जॉइंट पार्लिअमेंटरी कमिटी बनाने की मांग उठवा रहें हैं अपने  खड़गों-सूरजो से। वह सूरजे तो यह भी कह देगा मैं सुरजे नहीं हूँ। यह वह पार्टी है जिसमें एक कमल घात शहज़ादे का  अम्बुपान करते करते मुख्यमंत्री बन गए हो सकता है कल को खड़गे के हाथ भी कुछ लग जाए।  बतलातें चलें आपको जो मामला देश की अस्मिता से जुड़ा है (प्रत्येक सरकार के देश की सुरक्षा से जुड़े कुछ मामले  होते हैं जो सार्वजनिक  नहीं किये  जाते  )किस हस्ती से ये मतिमंद कुमार राहु राजनीति का ,ज़वाब देही  मांग रहा है स...

विधानसभा चुनाव नतीजे मोदी-शाह के लिए ख़तरे की घंटी हैं या नहीं?

इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES विधानसभा चुनावों के नतीजों का विश्लेषण अभी कुछ वक्त तक जारी रहेगा लेकिन अब तक जितनी जानकारी सामने आई है, उनके आधार पर ही यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या यह नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए ख़तरे की घंटी है? 2014 के लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद से, बिहार, दिल्ली से लेकर पंजाब तक, बीजेपी को कई छोटी-बड़ी हारों का सामना करना पड़ा है, लेकिन यह झटका काफ़ी बड़ा है. 'कांग्रेस मुक्त भारत' का नारा देने वाली पार्टी से कांग्रेस ने तीन बड़े राज्य छीन लिए हैं. छोड़िए फ़ेसबुक पोस्ट BBC News हिन्दी पोस्ट फ़ेसबुक समाप्त BBC News हिन्दी लेकिन इन नतीजों के आधार पर 2019 के लिए कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाज़ी होगी, ऐसा मानने की कई वजहें हैं. सबसे पहली बात तो यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी करीब चार महीने बचे हैं, अभी जो चुनावी गहमागहमी दिख रही है वह लोकसभा चुनाव तक चलती रहेगी. विधानसभा चुनाव के नतीजे निश्चित तौर पर पार्टियों के मनोबल पर असर डालते हैं लेकिन उनकी अहमियत को सही ढंग से समझने की ज़रूरत है. इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES अंग्रेज़ी का मु...

*मृत्यु,के बाद क्या होता है,श्रीमदभगवत गीता ?

Jai Prakash December 3   ·    *मृत्यु,के बाद क्या होता है,श्रीमदभगवत गीता?????* 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 〰 *भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को गीता का ज्ञान दे रहे हैं,,,* अर्जुन पूछता है – हे त्रिलोकीनाथ! आप आवागमन अर्थात पुनर्जन्म के बारे में कह रहे हैं, इस सम्बन्ध में मेरा ज्ञान पूर्ण नहीं है। यदि आप पुनर्जन्म की व्याख्या करें तो कृपा होगी। कृष्ण बताते हैं – इस सृष्टि के प्राणियों को मृत्यु के पश्चात् अपने-अपने कर्मों के अनुसार पहले तो उन्हें परलोक में जाकर कुछ समय बिताना होता है जहाँ वो पिछले जन्मों में किये हुए पुण्यकर्मों अथवा पापकर्म का फल भोगते हैं। फिर जब उनके पुण्यों और पापों के अनुसार सुख दुःख को भोगने का हिसाब खत्म हो जाता है तब वो इस मृत्युलोक में फिर से जन्म लेते हैं। इस मृत्युलोक को कर्मलोक भी कहा जाता है। क्योंकि इसी लोक में प्राणी को वो कर्म करने का अधिकार है जिससे उसकी प्रारब्ध बनती है। अर्जुन पूछते हैं – हे केशव! हमारी धरती को मृत्युलोक क्यों कहा जाता है? कृष्ण बताते हैं – क्योंकि हे अर्जुन, केवल इसी धरती पर ही प्राणी जन्म...

ताकि उसे कोई रँडुवा न कहे

ताकि उसे कोई रँडुवा न कहे  आप सोच रहे होंगे ये 'उसे 'कौन है ,वही है जिसकी पैरवी कपिल सिब्बल कर रहें हैं अनिल अम्बानी के साथ मिलकर जो षड्यंत्र कर रहा है।  और स्पष्ट कर दें जो 'गांधी'  की 'केंचुल' उतार कर अब 'कॉल' और' दत्तात्रेय' हो गया है। जनेऊ पहनने लगा है और अपने को हिन्दू कहने कहलवाने में वह गर्व महसूस कर रहा है। प्रसंगवश बत्लादें 'कॉल' का एक अर्थ तंत्र -विद्या में में पारंगत भी होता है ,तांत्रिक भी होता है।   उसने (राहुल )अपनी अम्मा  से कहा ये झूठ बोलने का बोझ बहुत बढ़ गया है जो आपने मुझे विधिवत बोलना सिखाया है और गांधी और झूठ साथ -साथ नहीं चलते इसीलिए मैं कॉल हो गया क्योंकि झूठ बोलना तो मैं छोड़ नहीं सकता। इसीलिए मैंने गांधी उपनाम छोड़ दिया। अब मैं राहुल दत्तात्रेय हो गया।  'राहुल 'राहुल पंडित ,राहुल दत्तात्रेय कहलाएं हम भी यही चाहते हैं। यह काम आसान और प्रामाणिक तरीके से हो सकता है। अगर सुप्रीम कोर्ट के ये तीनों उकील नुमा कपिल -मनीष -सिंघवी मिलकर प्रयास करें और राहुल को और उनकी अम्मा को राजी कर लें राहुल अपने गुप्त विवाह क...