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तिनका -तिनका जोड़कर गढ़ी गई तृणमूल , तिनके जब उड़ने लगे लगी अधर में झूल। रही अधर में झूल दिख रही है कमज़ोरी , जिसे छुपाने हेतु हो रही सीनाज़ोरी। घर में ही इक वोट रहा न अपना जिनका , बने वही यशवंत सहारे का अब तिनका। (कविवर ओमप्रकाश तिवारी )

तिनका -तिनका जोड़कर गढ़ी गई तृणमूल ,

जबकि जयंत सिन्हा उद्घोष  कर रहे हैं ,खिलेगा कमल बंगाल में ,पिता यशवंत सिन्हा डूबते जहाज में आ बैठे हैं। चलो एक से भले दो ,दीदी का कुनबा तो तेज़ी से बिखर रहा है ,समेटे नहीं सिमट रहा ,लंगड़ दीन बदज़ुबान बदमिजाज़ दीदी ऊपर से धमकी और दे रही है -मेरे पैर ठीक होने दो ,फिर देखूँगी आपके पाँव बंगाल की ज़मीन पर ठीक से चलते हैं या नहीं।क्या देखेगी तू।  जब तक  तू चलने फिरने लायक होगी उससे पहले ही तेरा टाइटेनिक जल समाधि ले लेगा। दीवार पे लिखी इबादत पढ़। ज्यादा मत ऐंठ। 

रस्सी जल गई बल नहीं गए। हमेशा कौन रहा है यहां किसकी सियासत रही है दीदी प्रारब्ध तो सबको भुगतना ही पड़ता है और आपकी करनी ,क्रियमाण कर्मों का फल १३० भारतीय जनतापार्टी के वर्कर्स की नृशंश हत्याएं करवाके तू भी चैन से नहीं बैठ पाएगी दीदी। अभी तो तेरी करनी आंशिक रूप से ही तेरे सामने आई है।अभी एक ही पाँव टूटा है। अपनी करनी को औरों की साज़िश मत बतला।  


रख काबू अपनी जुबां पे रख -जिनकी तेरे तृणमूल गुंडों ने हत्या कर दी उनकी माँ बहनों संतानों का दर्द समझ ,अपनी अस्पताली टांग लेके मत बैठे। कुछ तो  डर भगवान् से। वह सब देख रहा है तेरी करतूतें तेरे चलित्तर ,राजनीतिक मक्कारी सब देख रहा है रब की छोड़ रब के बन्दे माटी -ममता -मानुष सब कोई देख रहा है। तू हार चुकी है दीदी। प्राश्चित कर ले ,कन्फेशन कर ,क़यामत के दिन तेरा कच्चा चिठ्ठा खुलेगा -चुनावी पर्चा भरते वक्त  इह लोक में  तू साफ़ छिपा गई अपने आपराधिक रिकार्ड को ,छ: छ: आपराधिक मामलों को,उस लोक में तो हिसाब देना होगा। और कौन जाने इस लोक में भी तेरा हालिया नामांकन रद्द हो जाए। 


CM Mamata Banerjee hits campaign trail on wheelchair: Will she win voters' sympathy? | India Today Insight

With a plastered leg and in a wheelchair, the West Bengal chief minister’s latest attempt at wooing voters tugs at heart strings as she campaigns for the tightly-contested elections  

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Mamata Banerjee, then a Youth Congress leader, addresses a rally in West Bengal after being attacked in 1990; Mamata Banerjee, chief minister of West Bengal, addresses a rally in south Kolkata on March 14, 2021 (Image courtesy: Trinamool Congress, ANI)

On March 14, just four days after she had been injured in Nandigram, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee took to the streets in a wheelchair. It is not clear if this is how she will campaign over the next fortnight before polling begins in the state, but the optics of an injured Mamata continuing to hit the streets definitely gives her party an edge, especially in a situation where the Trinamool Congress (TMC) chief has no surprises, in terms of poll promises and party’s election manifesto, to offer.

The TMC is facing a keenly contested election, battling anti-incumbency, an exodus of leaders and a rising BJP. In many ways, the sympathy plea is Mamata’s last card. “I have come through attack and counterattack,” she said at a rally in Hazra. “The doctor had advised rest,but had I taken rest, it would have made the conspirators successful. I am in pain but the pain of democracy in the hands of anarchists is even [greater]. I will tour all over the state in a wheelchair with a broken leg. A wounded tiger is the most dangerous animal,” she said at a rally at Hazra. “Hazra has seen attempts on my life and again this place saved me from a fatal accident,” she added, highlighting the ‘victim’ narrative.  

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