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इस शरीर रुपी भांडे को निर्मल करने की युक्ति सोच इसी रंगमहल में तेरे पी का घर है। मन को संकल्प शून्य कर निर्विकल्प हो जा। मन को अम्न कर

कृपया यहां भी पधारें :

(१)https://www.youtube.com/watch?v=ar5lHsWN3Fg

(२ )IN

यह व्याख्यान कबीर : घूँघट के पट खोल के बारे में बात करता है I

(२)https://www.youtube.com/watch?v=s29k6SBIMcI

(३)

 

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